तुलसी में पाए जाते हैं कमाल के औषधीय गुण, लेकिन इस तरह से सेवन ना करें
सेहतराग टीम
तुलसी का पौधा हर घर में पाया जाता है। यही नहीं भारतीय परंपरा के अनुसार इसकी पूजा भी की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद के अनुसार तुलसी का सेवन करने से मौसमी बीमारी सहित कैंसर जैसी घातक बीमारी भी फायदा करता है। लेकिन आयुर्वेद में भी ये बताया गया है कि तुलसी की पत्तियों को चबाना नहीं चाहिए। दरअसल इसके लिए एक शोध किया गया था और वैज्ञानिक कारण भी बताया गया कि तुलसी की पतियों में एंटीबायोटिक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को प्रभावित करते हैं। हालांकि आयुर्वेद में तुलसी को फायदेमंद भी बताया गया है। तुलसी में माइक्रोबियल-रोधी, सूजन-रोधी, गठिया-रोधी, लिवर को सुरक्षित रखने वाले, डायबिटीज-रोधी और दमा-रोधी औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसलिए आज हम इस आलेख में यह जानेंगे कि तुलसी को क्यों नहीं चबाना चाहिए और तुलसी का सेवन किस तरह से शरीर को फायदा पहुंचाता है।
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आइए पहले तुलसी में पाए जाने वाले गुणों के बारे में जान लेते हैं।
इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में मददगार-
तुलसी का सेवन करने से आपका इम्यून सिस्टम बेहतर होता है। यही नहीं कई शोधों में यह भी कहा गया है कि तुलसी में एंटी स्ट्रेस गुण पाए जाते हैं जो मानसिक तनाव को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा तुलसी शरीर में मस्तिष्क से जुड़े हुए हार्मोन कोर्टिसोल के स्तर को भी संतुलित करती है। तुलसी से सांस संबंधी बीमारियों, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों आदि का संक्रमण भी दूर हो जाता है।
त्वचा संबंधी बीमारियों में भी सहायक-
तुलसी का सेवन करने से त्वचा संबंधी समस्याओं में भी फायदा मिलता है। तुलसी में पाए जाने वाले तत्व चेहरे को निखारने के साथ ही कील-मुंहासों को भी खत्म करने की क्षमता भी रखते हैं।
वजन को कम करने में मददगार-
तुलसी का सेवन करने से वजन कम करने में मदद मिलती है। दरअसल अक्सर देखा जाता है कि मानसिक तनाव की स्थिति में लोगों की भूख बढ़ जाती है यानी लोग ज्यादा खाने लगते हैं, जो वजन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है। चूंकि तुलसी में तनाव को कम करने का भी गुण होता है। इसके चलते यह वजन कम करने में सहायक होती है।
आंखों की रोशनी बढ़ाने में सहायक-
तुलसी में विटामिन ए भी पाया जाता है, जो आंखों के सबसे जरूरी विटामिन होता है। आयुर्वेद में तुलसी का पानी या रस आंखों में डालना फायदेमंद बताया गया है। लेकिन खुद से इस्तेमाल करने की बजाय एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। क्योंकि यह पता लगाना जरूरी है कि तुलसी की किस प्रजाति की पत्तियों का रस आंखों के लिए लाभदायक होता है। अन्यथा कहीं कहीं जंगली तुलसी भी पाई जाती है, जिसका उपयोग करने से आंखों को नुकसान भी हो सकता है।
मुंह को साफ करने व छाले ठीक में असरदार-
तुलसी मुंह से संबंधित बीमारियों को भी नियंत्रित करती है। तुलसी के पत्तों के सेवन से मुंह से बदबू, पायरिया, मसूड़ों की बीमारी नहीं होती है। तुलसी में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो मुंह में अवांछित बैक्टिरिया को खत्म कर देती है और मुंह तरोताजा कर देती है। इस कारण मुंह में होने वाले बीमारियां तुलसी के सेवन से दूर हो जाती है।
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तुलसी को क्यों नहीं चबाना चाहिए?
दरअसल तुलसी की पत्तियों में काफी मात्रा लौह तत्व पाया जाता है। जो हमारे दांतों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए आयुर्वेद में तुलसी को चबाने से मना किया गया है। यही नहीं तुलसी के पत्तों में थोड़ी-बहुत मात्रा आर्सेनिक की भी पायी जाती है। जो दांतों को हानि पहुंचा सकता है। अगर आप रोज तुलसी की पत्तियों को चबाएंगे तो मुंह में मौजूद क्षार तत्वों से मिल जाने पर दांतो में सड़न संबंधित खतरा बढ़ जाता है। तुलसी की पत्तियां प्राकृतिक रूप से में थोड़ी अम्लीय यानि एसिडिक होती हैं, जिससे दांतों में दर्द की शिकायत हो सकती है।
हालांकि आप तुलसी के औषधीय गुणों का लाभ कई और तरीकों से ले सकते हैं। जैसे तुलसी का चाय बनाने में कर सकते हैं जिससे आप तुलसी के औषधीय गुणों का लाभ भी ले पाएंगे और आपको कोई हानि भी नहीं होगी।
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